गुलाब से पूछो कि दर्द क्या होता है, देता है पैगाम मोहब्बत का और, खुद काँटों में रहता है | Happy Rose Day
फूल गुलाब का भेज रहे है, आपके लिए लबों से छूकर जान, इसमें डाल दीजिए | Happy Rose Day
गुलाब जैसी हो, गुलाब लगती हो, हल्का सा जो मुस्कुरा दो, तो लाजवाब लगती हो | Happy Rose Day
काँटों से घिरा रहता है, फिर भी गुलाब खिला, रहता है | Happy Rose Day
'तुम वो हो जिसे मै, पाना चाहता हुँ तुम्हे, जिस्म से नहीं रूह, से अपना बनाना, चाहता हूँ | Happy Rose Day '
जसको पा ना साके वो, जनाब हो आप मेरी ज़िन्दगी का पेहला, ख्वाब हो आप लोग चाहे कुछ भी काहे लेकिन मात्र लिए सुंदर, सा गुलाब हो आप | Happy Rose Day
R- Rare O- Ones S- Supporting E- Entire life Happy Rose Day
मैं तोहफा बनकर पहुँच जाता हूँ जहाँ, मुझे देख मुस्कुरा देता है, सारा जहां | Happy Rose Day
होठों जैसे पंखुड़ियाँ मेरी, कोमल काँटों से बच के ज़रा, कहीं हो न जाओ घायल | Happy Rose Day
आशिक़ों के महबूब के, पैरो की धूल हूँ, हाँ मैं एक लाल गुलाब, का फूल हूँ | Happy Rose Day
“मेरे होंटों पर ख़ामोशी है बहुत, इन गुलाबों पे तितलियाँ रख दे |” Happy Rose Day
न्याय हमेशा समानता, के विचार को पैदा, करता है। B. R. Ambedkar
संगत का विशेष ध्यान रखे, क्योंकि सफलता हमेशा, अच्छे विचारों से आती है, और अच्छे विचार अच्छे, लोगों के संपर्क से आते है |
दिल में कभी बुरे विचार मत आने दो, वह असर दिखाए बिना रहते
आपको दुखी करने वाली एकमात्र चीज़ आपके अपने विचार है ,उन्हें बदले | Bk Shivani
कोरोना वायरस से बचने के लिए जिस तरह हम अपने हाथ बार-बार धोते है ,और अपना ध्यान रखते हे ,उसी प्रकार हमे अपने मन को भी सुन्दर विचारो की मदद से साफ़ रखना हे | Bk Shivani
विचारो को केवल पढ़कर छोड़ देने से जीवन मैं बदलाव नहीं आता | विचार तभी बदलाव लाते है ,जब उन्हे जीवन मैं उतारा जाता है | Bk Shivani
जब मन और वाणी एक होकर कोई, चीज मांगते हैं, तब उस प्रार्थना का फल अवश्य मिलता है। Swami Paramhans
भगवान निराकार है और साकार भी, फिर भी इन दोनों अवस्थाओं से परे जो है, वह भी है केवल वे ही खुद जानते हैं, कि वह क्या है | Swami Paramhans
धैर्य दर्द से भरा है किंतु उसका, फल मधुर होता है। Swami Paramhans
धर्म उस आग की जो प्रत्येक मनुष्य के, अंदर जलती है ज्वाला को प्रज्वलित, करने में सहायता करता है। Sarvepalli Radhakrishnan
धर्म की शक्ति अनेक जीवन की शक्ति है, धर्म की दृष्टि ही जीवन की दृष्टि है। Sarvepalli Radhakrishnan
अहंकार में आदमी फूल सकता है, फल नहीं सकता। Premchand
जब कोई बात हमारी आशा के, विरुद्ध हो तभी दुख होता है। Premchand
आशा तो बड़ी चीज है और फिर बच्चों की, आशा उनकी कल्पना तो राई को, पर्वत बना देती है। Premchand
आशा ही संसार की, संचालन शक्ति है। Premchand
दूसरे की स्त्री से अनुचित संबंध, से बड़ा पाप दूसरा कोई नहीं है। Premchand
जब हम कोई कार्य करने की इच्छा, करते हैं, तो शक्ति अपने आप, ही आ जाती है। Premachand
जीवन के लिए खाना और सोना जरूरी है, लेकिन जीवन कार्य और लगन, से सफल होता है। Premchand
जहां नम्रता से काम हो जाए वहां, उग्रता नहीं दिखानी चाहिए। Premchand
जब कोई बुरी घटना घटने वाली होती है, तो उसके पहले बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। Premchand
घर का प्रेम नारी, का जीवन है। Premchand
कन्यादान ने करने वाले का, जन्म व्यर्थ चला जाता है। Premchand
जिस घर में कोई नहीं रहता उसमें, चमगादड़ बसेरा कर लेते हैं। Premchand
जिसमें दया नहीं, धर्म नहीं ,निज भाषा से, प्रेम नहीं ,चरित्र नहीं ,आत्म बल नहीं है, वह भी कोई आदमी है | Premchand
स्वभाव सबका अलग अलग होता है, ना किसी के बनाने से बनता है, ना बिगाड़ने से बिगड़ता है। Premachand
मनुष्य के स्वभाव पर उसका, भविष्य निर्भर करता है। Premachand
दया व्यक्ति का, स्वाभाविक गुण है। Premchand
कोई व्यक्ति अचानक स्वभाव, के विपरीत आचरण करें, तब शंका कीजिए। Premchand
स्वभाव व्यक्ति को जन्म से मिलता है, और शिक्षा तथा संगति से उसे, सुधारा जा सकता है। Premchand
अपनी प्रशंसा सुनकर हम इतने मतवाले हो, जाते हैं कि फिर हममें विवेक की शक्ति भी, लुप्त हो जाती है बड़े से बड़ा महात्मा भी, अपनी प्रशंसा सुनकर फूल उठता है। Premchand
संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा, और समर्पण से प्राप्त होता है। Premchand
अच्छा या बुरा कुछ नहीं है, केवल विचार ही किसी वस्तु को, अच्छा या बुरा बनाते है। William Shakespeare
संसार में न तो कोई शत्रु है नहीं कोई मित्र है, उनके प्रति हमारे विचार मित्र और, शत्रु का अंतर करते है। Chankya
कोई भी कार्य महत्वपूर्ण नहीं, होता महत्वपूर्ण होता है, कार्य का उद्देश्य | Jawaharlal Nehru
दुसरो के अनुभव से लाभ, उठाने वाला ही बुद्धिमान है | Jawaharlal Nehru
मृत्यु से नया जीवन मिलता है, जो व्यक्ति और राष्ट्र मरना नहीं जानते वे, जीना भी नहीं जानते केवल वहीं जहाँ, कब्र हैं पुनुरुत्थान होता है | Jawaharlal Nehru
आश्चर्य लोग जीवन, को बढ़ाना चाहते हैं, सुधारना नहीं | Jawaharlal Nehru
महात्मा ज्योतिबा फुले ने 63 साल, की उम्र में 28 नवंबर 1890 को पुणे में, अपने प्राण त्याग दिए |
अच्छा काम पूरा करने के, लिए बुरे उपाय से काम, नहीं लेना चाहिये।